क्या छत्तीसगढ़ में 13 ब्राह्मण प्रत्याशी चुनाव जीतकर बना देंगे नया रिकॉर्ड…

कांग्रेस और भाजपा से 13 ब्राह्मण प्रत्याशी चुनाव मैदान में

जातिगत जनगणना का असर यह है कि राजनीतिक दलों को यह बताना पड़ रहा है कि उन्होंने किस जाति के कितने लोगों को टिकट दिया।

छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में ब्राह्मण को लेकर भी पहली बार खुलकर चर्चा हो रही है।कांग्रेस ने 8 ब्राह्मण और भाजपा ने पांच ब्राह्मण प्रत्याशी मैदान में उतरे हैं।

कांग्रेस ने ब्राह्मण प्रत्याशी के रूप में मंत्री रविंद्र चौबे को साजा, पूर्व मंत्री सत्यनारायण शर्मा के बेटे पंकज शर्मा को रायपुर ग्रामीण, पाठ्य पुस्तक निगम के अध्यक्ष शैलेष नितिन त्रिवेदी को बलोदा बाजार, विधायक विकास उपाध्याय को रायपुर पश्चिम, महंत रामसुंदर दास को रायपुर दक्षिण, अरुण वोरा को दुर्ग शहर, अमितेश शुक्ला को राजिम और शैलेश पांडे को बिलासपुर से प्रत्याशी बनाया है। जबकि भाजपा ने प्रेम प्रकाश पांडे को भिलाई, शिवरतन शर्मा को भाटापारा, अनुज शर्मा को धरसींवा, पुरंदर मिश्रा को रायपुर उत्तर और विजय शर्मा को कवर्धा से प्रत्याशी बनाया है।

प्रदेश की राजनीति में ओबीसी वोट बैंक को लेकर कांग्रेस और भाजपा लगातार सक्रिय रही है। लेकिन ऐसा पहली बार देखने को आ रहा है कि जब कांग्रेस और भाजपा ने 13 ब्राम्हण प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है।

खास बात यह है कि जिस सीट पर एक दल ने ब्राह्मण प्रत्याशी उतारा है उसे सीट पर दूसरे दल ने किसी अन्य वर्ग के उम्मीदवार पर दांव खेला है।

कुल मिलाकर अगर कांग्रेस और भाजपा के सभी ब्राह्मण उम्मीदवार चुनाव जीत जाते हैं, तो पहली बार प्रदेश की विधानसभा में 13 ब्राह्मण विधायक एक साथ पहुंचेंगे।

पिछली विधानसभा में कांग्रेस से रविंद्र चौब, अरुण वोरा, विकास उपाध्याय, अमितेश शुक्ला, सत्यनारायण शर्मा, अनीता शर्मा ब्राह्मण विधायक थे, जबकि भाजपा की तरफ से इकलौते शिवरतन शर्मा ब्राह्मण का प्रतिनिधित्व कर रहे थे।

अब बात करते हैं उन ब्राह्मण प्रत्याशियों की जिन्हें पिछले चुनाव में हार मिली थी। पूर्व मंत्री प्रेम प्रकाश पांडे भिलाई से पिछले चुनाव में भी भाजपा के प्रत्याशी थे। उन्हें ओबीसी वर्ग से आने वाले देवेंद्र यादव ने पटखनी दी थी।

इस चुनाव में भी अधिकांश ब्राह्मण प्रत्याशियों के सामने ओबीसी वर्ग के प्रत्याशी हैं जैसे अनुज शर्मा के सामने छाया वर्मा, शिवरतन शर्मा के सामने इंद्र कुमार साव, अमितेश शुक्ल के सामने रोहित साहू, शैलेश नितिन त्रिवेदी के सामने टंक राम वर्मा, मंत्री रविंद्र चौबे के सामने ईश्वर साहू और पंकज शर्मा के सामने मोतीलाल साहू को चुनाव में उतरा गया है।

अब देखना है कि ओबीसी बनाम ब्राह्मण की लड़ाई में कितने ब्राह्मण प्रत्याशी विधानसभा तक का सफर तय कर पाते हैं।

राजनीतिक जानकारों की माने तो ब्राह्मण उम्मीदवार रविंद्र चौबे, अरुण वोरा, अमितेश शुक्ल, विकास उपाध्याय, शिवरतन शर्मा और पंकज शर्मा की जीत हो सकती है। महंत रामसुंदर दास, प्रेम प्रकाश पांडे और विजय शर्मा कांटे की टक्कर में फंसे हैं। शैलेश नितिन त्रिवेदी स्थानीय समीकरणों को साथ लेते हैं, तो उनके जीतने की भी संभावना है।

हालांकि 2-3 चुनाव छोड़ दिया जाए तो बलोदा बाजार से ब्राह्मण प्रत्याशी की ही जीत हुई है। अनुज शर्मा कलाकार हैं और मतदाताओं की कलाकारों के प्रति सहानुभूति रहती है। लेकिन छाया वर्मा धरसींवा से पहले भी चुनाव लड़ चुकी हैं और कुर्मी वोटर ज्यादा है, इसलिए यहां के परिणाम पक्ष में आते नजर नहीं आ रहे हैं।