आरकेसी की कौंसिलर ने बच्चों को दी गुड टच और बैड टच सहित अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां

यदि कोई हिंसा करे या गलत उद्देश्य से छुए तो तत्काल विरोध करें : आभा बघेल

प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा चौबे कालोनी में आयोजित प्रेरणा समर कैम्प के आठवें दिन राजकुमार कालेज की कौंसिलर श्रीमती आभा बघेल ने हिंसा से बचाव विषय पर बोलते हुए बच्चों को गुड टच और बैड टच सहित अन्य महत्वपूर्ण जानकारियाँ दी।

कौंसिलर श्रीमती आभा बघेल ने कहा कि यदि कोई हमारे साथ दुर्व्यवहार करे तो उसे सहन करने और चुप रहने की बजाय उसका पुरजोर विरोध करना चाहिए। चुप रहने से लोगों की हिम्मत और अधिक बढ़ सकती है लेकिन आप विरोध करेंगे तो वह फिर दुबारा वैसा करने से पहले दस बार सोचेंगे। जब भी कहीं कोई खतरा महसूस हो तो भाग कर किसी सुरक्षित स्थान पर जाने का प्रयास करना चाहिए। उसके बाद परिचित व्यक्ति को घटना के बारे में बतलाना है।

उन्होंने आगे कहा कि यदि कोई अपरिचित व्यक्ति बेवजह मारपीट करे या गलत जगह छुए तो पहले तो बिना झिझके उसे आगाह कर दें कि यह सब आपको पसन्द नहीं है और दुबारा उसे ऐसा करने से सख्ती के साथ मना कर दें। यदि फिर भी वह व्यक्ति नहीं मानें तो तत्काल अपने किसी परिचित को पुकारें और उन्हें घटना की पूरी जानकारी दें। अच्छा होगा कि हम अपने सबसे अधिक करीबी चार-पांच लोगों के मोबाईल नम्बर लिख कर या याद करके रखें। हमें अपनी सुरक्षा के प्रति सजग होकर चलना होगा।

आभा बघेल ने बच्चों को बतलाया कि भौतिक रूप से किसी व्यक्ति को हानि पहुंचाने वाला आचरण हिंसा कहलाता है। उन्होंने चाइल्ड हेल्प लाईन की जानकारी देते हुए कहा कि आप चाहें तो 1098 डायल करके मदद मांग सकते हैं।

हमें प्रशासन और संविधान द्वारा दिए गए मौलिक अधिकारों का ज्ञान जरूरी है तब ही उसका पूरा लाभ उठा सकेंगे।

अन्य सत्र में ब्रह्माकुमारी सौम्या दीदी ने इन्टरनेट और इनरनेट के बारे में बतलाया।

उन्होंने कहा कि जैसे इन्टरनेट जैसे इन्स्टाग्राम, फेसबुक, ट्वीटर आदि सोशल मीडिया का जाल है वैसे ही इनरनेट अर्थात आत्मा के अन्दर गुणों और शक्तियों का भण्डार है।

उन्होंने इन्टरनेट की बजाय इनरनेट को दोस्त बनाने का सुझाव देते हुए बतलाया कि इन्टरनेट हमें डिप्रेशन,अनिद्रा और तनाव आदि बिमारियाँ देता है। जबकि इनरनेट यानि राजयोग द्वारा अन्तरात्मा में झाँकने का गुण हमें एकाग्रता और क्रिएटिविटी प्रदान करता है। उन्होंने बच्चों से प्रतिज्ञा कराई कि वह इन्टरनेट के जाल में नहीं फसेंगे और उसका जरूरत के मुताबिक ही इस्तेमाल करेंगे।

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