National news : मेरिट के आधार पर ही हो सरकारी नौकरी में चयन : सुप्रीम कोर्ट

ऐसा न करना संविधान का उल्लंघन

दिल्ली सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसले में कहा है कि सरकारी नौकरियों में मेरिट के आधार पर ही चयन होना चाहिए। ऐसा न करना संविधान का उल्लंघन है।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहाकि ज्यादा अंक हासिल करने वाले अभ्यर्थियों को नजर अंदाज कर कम मेरिट वाले अभ्यर्थियों का चयन करना संविधान का उल्लंघन है। देश की सर्वोच्च अदालत ने अपने फैसले में कहाकि अधिक अंक पाने वालों की जगह कम मेरिट वालों की नियुक्ति करना गलत है।

जस्टिस एल. नागेश्वर राव और जस्टिस इंदिरा बनर्जी की पीठ ने यह टिप्पणी झारखंड हाईकोर्ट के उस फैसले को बरकरार रखते हुए दी है। जिसमें सब इंस्पेक्टर के पद पर 43 लोगों की नियुक्ति को सही ठहराया गया था।
सुप्रीम कोर्ट के दो जजों की बेंच ने अपने फैसले में कहा कि इसमें कोई शक नहीं है कि सरकारी नौकरियां मेरिट के आधार पर होनी चाहिए।

अधिक अंक हासिल करने वालों की जगह कम मेरिट वाले लोगों की नियुक्ति संविधान के अनुच्छेद चौदह और सोलह की मूल धारणा के विपरीत है। पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ताओं को दी गई राहत का मुख्य आधार यह था कि वे पहले ही नियुक्त हो चुके थे और उन्हें उसके लिए सजा नहीं दी जा सकती है जो गलती उन्होंने नहीं की है। इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दाखिल याचिकाओं को खारिज कर दिया

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