हिंदी विश्‍वविद्यालय के पोस्ट-डॉक्टोरल फैलो डॉ. अरुण कुमार को मिला अंतरराष्‍ट्रीय युवा वैज्ञानिक सम्‍मान

वर्धा महात्‍मा गांधी अंतरराष्‍ट्रीय हिंदी विश्‍वविद्यालय के मानवविज्ञान विभाग में पोस्ट-डॉक्टोरल फेलो डॉ. अरुण कुमार को उनके शोध पत्र ‘जनजातीय उद्यमकर्ता एवं सुनहरे भविष्य’ के लिए अंतरराष्ट्रीय युवा वैज्ञानिक सम्मान 2020 से सम्मानित किया गया है।

पुडुचेरी में हाल ही में हुए 10वें अंतरराष्‍ट्रीय वैज्ञानिक सम्‍मेलन में उन्‍हें यह सम्मान इसरो के चंद्रयान के वैज्ञानिक डॉ. एम. कार्तिकेयन, पुडुचेरी के पूर्व मुख्य सचिव, न्यूयॉर्क स्थित वरिष्‍ठ वैज्ञानिक डॉ.शेखर बाबू एवं निचुपल्ली के डॉ. एम. राजेया कुमार के द्वारा प्रदान किया गया।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा घोषित ‘आत्मनिर्भर भारत योजना’ के सशक्‍तीकरण की दिशा में वे अपना शोधकार्य हिंदी विश्‍वविद्यालय के मानवविज्ञान विभाग के प्रो. फरहद मलिक के शोध-निर्देशन में कर रहे है। वे विदर्भ क्षेत्र के मेलघाट, सतपुड़ा स्थित कोरकू जनजाति की पारंपरिक खाद्य पद्धति और पोषण पर विशेष रूप से शोध कार्य कर रहे हैं।
डॉ. अरुण कुमार को इसके पहले विवेक विज्ञान संचारक सम्मान, भारत गौरव सम्मान, रिसर्च एक्सीलेंस सम्मान-2021 व अन्य प्रतिष्ठित सम्मान प्राप्त हो चुके हैं।

उन्होंने अपनी पीएच.डी. डॉ.हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर के मानवविज्ञान विभाग के अध्‍यक्ष प्रो. राजेश कुमार गौतम के शोध निर्देशन में पूरी की है। उनके शोधपत्र राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रस्तुत व प्रकाशित भी हुए हैं।

हाल ही में उनका भारतीय खेल प्राधिकरण, खेल मंत्रालय, नई दिल्‍ली में मानवमिति विशेषज्ञ के रूप में चयन हुआ है जो जापान में आयोजित होने वाले ओलिम्पिक खेलो के लिए खिलाडियों के चयन में भूमिका निभाएंगे। उनकी इस उपलब्धि पर विश्‍वविद्यालय परिवार ने हर्ष व्‍यक्‍त किया है।

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